लखनऊः स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम अवध सिंह की 32 एकड़ जमीन पर कब्जा करने के मामले में कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह, उनकी पत्नी, बेटे और बहू समेत नौ लोगों को दोषी ठहराया था, जिस पर सुनवाई करते हुए तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला ने पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह को बरी कर दिया है। अदालत के इस फैसले से पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह के समर्थकों में खुशी का माहौल है।
प्रेम प्रकाश सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की बरहज विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे हैं और मंत्री भी रहे हैं। उनकी पत्नी उत्तराखंड में ऊधमसिंह नगर जिले के सितारगंज क्षेत्र की ब्लॉक प्रमुख रही हैं।
जाने क्या था आरोप
पूर्व मंत्री पर ये आरोप था कि उन्होंने 32 एकड़ जमीन को फर्जी वसीयत बनाकर अपने नाम कर ली। पूर्व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामअवध की बेटी प्रभावती ने कोतवाली में प्रेम प्रकाश सिंह, प्रेम नारायण सिंह और नवनाथ तिवारी के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इसके बाद हुई विवेचना में पुलिस ने पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश की पत्नी मंजूलता सिंह, पुत्रवधू निधि सिंह, बेटे शिववर्धन, पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता स्वतंत्र बहादुर सिंह, उनकी पत्नी गीता सिंह और पुत्रवधू शिखा सिंह के नाम भी शामिल कर दिए थे।
8 साल पुराना है मामला
घटना की जानकारी होने पर प्रभावती ने इसकी शिकायत डीआइजी से की। इस पर 03 मई, 2014 को धारा 420, 467, 468, 471, 506, 504 के तहत प्रेम प्रकाश के साथ ही वसीयत के गवाह ग्राम तिलियापुर, सितारगंज निवासी नवनाथ तिवारी और प्रेमनारायण को नामजद किया गया था। इस पर सुनवाई करते हुए तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला ने प्रेम प्रकाश को अदालत ने दोषमुक्त कर दिया।
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