उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में राज्य का 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ का बजट 2022-23 पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चिकित्सा सुविधाओं में सुधार किया
प्रदेश के समस्त जनपदों में जनपद स्तर पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापना की जा रही है महिला सामर्थ्य योजना हेतु 72 करोड़ 50 लाख रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।
● बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओं के आवाहन में यू.पी.एस.ई.ई. 2018 की 100 टॉपर छात्राओं को लैपटॉप एवं 100 टॉपर एससी/एसटी छात्राओं को लैपटॉप प्रदान किया गया।
● सूक्ष्म एवं लघु उद्योग क्षेत्र में मिशन शक्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण तथा कौशल विकास हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बेहतर कार्य प्रदर्शन हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से सितम्बर 2021 से 1500 रूपये प्रतिमाह की दर से प्रोत्साहन राशि प्रदान की रही है।
● प्रदेश के जनपदों में 2,740 महिला पुलिस कार्मिकों को 10,370 महिला बीटों का आवंटन किया गया।
● महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी हेतु 03 महिला पीएसी बटालियन लखनऊ, गोरखपुर तथा बदायूं का गठन किया जा रहा है।
● अगस्त 2020 में गठित "महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन " का क्रियान्वयन /पर्यवेक्षण अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन उत्तर प्रदेश द्वारा किया जा रहा है।
● ससम्मान उनकी शिकायतों का निराकरण कराया जा रहा है इससे महिलाओं में सुरक्षा की भावना जागृत हुई है, उनकी शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही तत्काल की जा रही है।
महिलाओं के लिए ऐलान
● वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि निराश्रित महिला पेंशन को बढ़ाकर 1000 रुपए कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 बजट में इस योजना के लुए 4032 करोड़ रुपए का प्रवाधान। इसके अलावा वृद्धावस्था पेंशन को भी बढ़ाकर 1000 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है, जिसका बुजुर्ग महिलाओं को भी लाभ मिलेगा।
● सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़ रुपए का प्रवाधान किया गया है, जिससे गरीब बेटियों की शादी में खर्च किया जाएगा।
● प्रदेश में 9 से 14 साल की एक लाख बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन की दोनों खुराक के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
● प्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सुदृढ बनाये रखने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जनपदों के समस्त 1535 थानों पर महिला बीट आरक्षी नामित करते हुए "महिला हेल्प डेस्क " की स्थापना की गई है।
*बजट 2022-23 में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेक्टर*
● प्रधानमंत्री जी ने देश को "आत्मनिर्भर भारत" का मंत्र दिया है, जिसका परम उद्देश्य भारत देश को हर क्षेत्र में चाहे वह मैन्यूफैक्चरिंग हो, आई टी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स हो उद्योग - धन्धे हों शिक्षा स्वास्थ्य या कृषि हो , आत्मनिर्भर बनाना है।
● सरकार ने उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर प्रदेश के रूप में विकसित किये जाने का विजन दिया। हम इस दिशा में दृढ़ इच्छाशक्ति और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
● आत्मनिर्भरता एक स्वस्थ विकसित और सशक्त समाज का प्रधान लक्षण है।
● "गैर परों से उड़ सकते हैं हद से हद दीवारों तक
अम्बर तक तो वहीं उड़ेंगे जिनके अपने पर होंगे।
● " चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने की दिशा में हमारी सरकार द्वारा निरन्तर कार्य किया जा रहा है।
● विभिन्न वायरस जनित संक्रामक रोगों पर नियंत्रण एवं उपचार की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि रिकार्ड समय में की गई।
● राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन हेतु 10,547 करोड़ 42 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना हेतु 620 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है।
● आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 2,949 चिकित्सालयों को आबद्ध किया गया है।
● प्रदेश के 1.78 करोड़ लाभार्थी परिवारों को लाभ दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित है अब तक 1.84 करोड़ व्यक्तियों को आयुष्मान कार्ड वितरित किये जा चुके है। योजना हेतु 560 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना हेतु 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना हेतु 320 करोड़ 07 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● पन्द्रहवें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अधीन विभिन्न योजनाओं हेतु 2908 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● राज्य कर्मचारियों तथा पेंशनरों की असाध्य बीमारी के उपचार हेतु राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश में 9 से 14 वर्ष तक की एक लाख बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन की दोनों खुराक से आच्छादित किये जाने हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● आशा कार्यकत्री एवं शहरी आशा संगिनियों को राज्य सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की धनराशि में की गई वृद्धि के दृष्टिगत 300 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
● राज्य औषधि नियंत्रण प्रणाली के सुदृढीकरण हेतु खाद्य औषधि प्रयोगशालाओं एवं मण्डलीय कार्यालयों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश के सीमावर्ती व अन्य क्षेत्रों में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालयों की स्थापना हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
चिकित्सा शिक्षा सेक्टर*
●° चिकित्सा शिक्षा प्रदेश में उच्चकोटि की गुणवत्तापूर्ण एवं विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा का विकास किये जाने के दिशा में हमारी सरकार द्वारा उल्लेखनीय प्रगति की गई है।
● राज्य सरकार के संकल्प के अनुरूप प्रदेश के सभी जनपदों में कम से कम एक मेडिकल कालेज स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है।
● वर्तमान में प्रदेश में 65 मेडिकल कालेज संचालित हैं , जिनमें 35 राज्य सरकार द्वारा एवं 30 निजी क्षेत्र द्वारा संचालित हैं।
● वर्तमान में 45 जनपद मेडिकल कालेज की सुविधा से आच्छादित हैं व 14 जनपदों में राज्य सरकार/केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन है।
● प्रदेश में 02 एम्स ( गोरखपुर व रायबरेली), आईएमएस बीएचयू, वाराणसी तथा जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज अलीगढ़ संचालित है।
● प्रदेश के 16 असेवित जनपदों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हेतु राज्य सरकार द्वारा पीपीपी नीति घोषित की गयी है, जिसमें निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जायेंगे।
● लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 के अनुरूप एमबीबीएस एवं पी जी पाठ्यक्रमों में सीटों में वृद्धि हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालन हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● नर्सिंग कॉलेज की स्थापना हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना हेतु 100 करोड़ 45 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश के 14 जनपदों - बिजनौर , कुशीनगर , सुल्तानपुर गोण्डा लखीमपुर खीरी , चन्दौली , बुलन्दशहर , सोनभद्र , पीलीभीत औरेया कानपुर देहात कौशाम्बी तथा अमेठी में निर्माणाधीन नये मेडिकल कॉलेजों के लिए 2100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● पण्डित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रदेश की निर्धन आबादी को असाध्य रोगों की चिकित्सा सुविधा मुहैया कराये जाने हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
*आयुष*
● गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 113 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
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