लखनऊ मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों पर लिया एक्शन जल्दी न्याय में बाधा बन रहे अफसरों पर एक्शन जनसमस्याओं के निस्तारण में देरी पर एक्शन सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले अफसरों को नोटिस लापरवाह 73 अफसरों को जारी किया गया नोटिस संतोषजनक जवाब नहीं देने पर कार्रवाई तय 10 शासन स्तर के विभागाध्यक्षों, 5 कमिश्नरों को नोटिस 10 डीएम, 5 विकास प्राधिकरण उपाध्यक्षों को नोटिस 5 नगर आयुक्त और 10 तहसीलों को भी नोटिस जारी पुलिस महकमे में 3 एडीजी और आईजी को भी नोटिस 5 आईजी और डीआईजी को भी नोटिस जारी किया 10 कमिश्नरेट, SSP और एसपी को भी नोटिस जारी 10 थानों से भी मांगा गया स्पष्टीकरण
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संतोषजनक जवाब नहीं
देने पर कार्रवाई तय
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10 शासन स्तर के विभागाध्यक्षों, पांच कमिश्नर, 10 डीएम, पांच विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष,
पांच नगरायुक्त और 10 तहसीलों को नोटिस
जारी
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पुलिस महकमे में तीन
एडीजी और आईजी, पांच आईजी और डीआईजी, 10 कमिश्नरेट, एसएसपी और एसपी, 10 थानों से भी मांगा गया स्पष्टीकरण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम लोगों की शिकायतों के निस्तारण में
बाधा बन रहे अधिकारियों पर एक्शन लिया है। उन्होंने जनसुनवाई पोर्टल पर जनसमस्याओं
के निस्तारण में हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए
हैं, जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रदेश के 73 अफसरों को निशाने पर
ले लिया है और नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। संतोषजनक जवाब नहीं देने पर
कार्रवाई होना तय है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास आम लोगों की शिकायतों के गुणवत्तायुक्त निस्तारण की शासन से लेकर तहसील और थाने स्तर तक की सीक्रेट रिपोर्ट है। सीएम को जनसुनवाई समाधान प्रणाली (आईजीआरएस) और सीएम हेल्पलाइन (1076) में आने वाली आम लोगों की शिकायतों के निस्तारण की हर माह रिपोर्ट दी जा रही है। इसमें जुलाई में मासिक रैंकिंग के आधार पर सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों की रिपोर्ट भी सौंपी गई थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर 10 शासन स्तर के विभागाध्यक्षों, पांच कमिश्नर, 10 डीएम, पांच विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष, पांच नगरायुक्त और 10 तहसीलों को नोटिस जारी किया गया है। ऐसे ही पुलिस महकमे में तीन एडीजी और आईजी, पांच आईजी और डीआईजी, 10 कमिश्नरेट, एसएसपी और एसपी, 10 थानों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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