भारत आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 72वां जन्मदिन मना रहा है। पीएम मोदी के जन्मदिन पर देशभर में कई तरह के खास कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अपने जन्मदिन पर पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में आठ चीतों को छोड़ा है। नामीबिया से आठ चीतों को लेकर विशेष मालवाहक विमान से ग्वालियर लाया गया। इसके बाद इन्हें चिनूक हेलीकॉप्टर से कीनो राष्ट्रीय उद्यान ले जाया गया। अधिकारियों ने कहा कि इन आठ चीतों में पांच मादा और तीन नर हैं। नामीबिया से 'प्रोजेक्ट चीता' के हिस्से के रूप में इन्हें भारत लाया गया है।
दक्षिण अफ्रीका की सरकार रखेगी नजर
'अफ्रीकन चीता इंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट इन इंडिया' 2009 में शुरू हुआ था. भारत ने चीतों के आयात के लिए नामीबिया सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे. चीतों में किसी तरह का कोई संक्रमण न हो इसके लिए गांवों के अन्य मवेशियों का भी टीकाकरण किया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को छोड़ा। इस दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उनके साथ मौजूद रहे। @narendramodi @BJP4India pic.twitter.com/Pzn8yHv512
— mKhabar (@mKhabarlive) September 17, 2022
चीतों के लिए 5 वर्ग किलोमीटर का एक विशेष घेरा बनाया गया है. दक्षिण अफ्रीका की सरकार और वन्यजीव विशेषज्ञ इन पर नजर रखेंगे. चीतों को भारतीय मौसम से लेकर यहां के माहौल में ढलने में एक से तीन महीने का वक्त लग सकता है.
पीएम मोदी ने चीतों को राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा
मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पीएम मोदी ने नामीबिया से आए 8 चीते को छोड़ दिया है। पीएम मोदी ने बाड़े के दरवाजे खोल कर इन चीतों को जंगल में छोड़ा है।
चीतों की भारत वापसी पर PM मोदी ने क्या कुछ कहा
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि, जब समय का चक्र हमें अतीत को सुधारकर नए भविष्य के निर्माण का मौका देता है. आज सौभाग्य से हमारे सामने एक ऐसा ही क्षण है. दशकों पहले जैव विविधता की जो कड़ी टूट गई थी, आज उसे जोड़ने का हमें मौका मिला है. आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं.
Project Cheetah is our endeavour towards environment and wildlife conservation. https://t.co/ZWnf3HqKfi
— Narendra Modi (@narendramodi) September 17, 2022
पीएम मोदी ने कहा कि, जब हम अपनी जड़ों से दूर होते हैं तो बहुत कुछ खो बैठते हैं. इसलिए आजादी के इस अमृतकाल में हमने अपनी विरासत पर गर्व और गुलामी की मानसिकता से मुक्ति जैसे पंचप्राणों के महत्व को दोहराया है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि, ये एक ऐसा काम है जिसे कोई महत्व नहीं देता. हमने इसके पीछे पूरी ताकत लगाई, पूरी प्लानिंग की गई, वैज्ञानिकों ने रिसर्च की और वहां के एक्सपर्ट भी भारत आए. पूरे देश में चीतों के लिए सबसे उपयुक्त क्षेत्र के लिए सर्वे हुए, जिसके बाद कूनो नेशनल पार्क को चुना गया. आज हमारी वो मेहनत परिणाम के रूप में हमारे सामने है.
जाने आखिर नामीबिया से ही क्यों मंगवाए गए चीते?
हिमालय वाला इलाका छोड़ दिया जाए तो कोई ऐसी जगह नहीं थी जहां भारत में चीते ना पाए गए हों. ईरान अफगानिस्तान में तो अभी भी एशियाई चीते पाए जाते हैं. साउथ अफ्रीका के नामीबिया से चीते इसलिए आ रहे हैं क्योंकि वहां दिन और रात की लंबाई ठीक वैसी ही होती है जैसी कि हिंदुस्तान में है और यहां का तापमान भी अफ्रीका से मिलता जुलता है.
क्यों कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गये चीते
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक रहता है जबकि न्यूनतम तापमान 6 से 7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है, जो चीतों के लिए मुफीद है. विंध्याचल पर्वत श्रृंखला पर बसा मध्य प्रदेश का कूनो नेशनल पार्क एमपी के श्योपुर और मुरैना जिले में पड़ता है. साल 2018 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था.
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