उपचुनाव का दंगल रामपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए सपा ने आसिम रजा को बनाया उम्मीदवार

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रामपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए सपा ने आसिम रजा को अपना उम्मीदवार बनाया है. आजम खान की सदस्यता रद्द होने के बाद रामपुर की सीट खाली हुई है. रामपुर में सपा की बैठक में ये फैसला लिया गया.सपा नेता आजम खान ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रामपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव पर आसिम रजा को प्रत्याशी घोषित किया है। आसिम रजा रामपुर में समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष पद पर हैं। वह शहर के जाने-माने लोगों में शुमार करते हैं। इसके साथ ही आसिम रजा 10 बार के विधायक आजम के करीबी नेताओं में भी शामिल हैं। आजम खां के भरोसेमंद नेताओं में भी शुमार करते हैं।

मैनपुरी सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) की प्रत्याशी डिंपल यादव को टक्कर देने वाले बीजेपी के रघुराज शाक्य की गिनती प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव के करीबी के रूप में होती है. इसी साल फरवरी में रघुराज शाक्य ने प्रसपा छोड़ दी और बीजेपी का दामन थाम लिया था. रघुराज दो बार सांसद रह चुके हैं.

रामपुर में आजम को टक्कर देने वाले आकाश को टिकट

रामपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी ने आकाश सक्सेना को अपना प्रत्याशी बनाया है. आकाश सक्सेना ने ही पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) नेता आजम खान के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी, जिसका उनको ईनाम मिला है. आजम खान को तीन साल की सजा मिलने के बाद रामपुर की सीट खाली हुई है.

खतौली से राजकुमारी सैनी बनीं प्रत्याशी

मुजफ्फरनगर जिले की खतौली सीट से बीजेपी ने पूर्व विधायक विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को अपना प्रत्याशी बनाया है. विक्रम सैनी को हेट स्पीच के मामले में दो साल की सजा सुनाई गई थी, जिस वजह से उन्हें सीट छोड़नी पड़ी थी. अब बीजेपी ने इस सीट से विक्रम सैनी की पत्नी को मैदान में उतारा है. इस सीट पर सपा की सहयोगी पार्टी आरएलडी चुनाव लड़ रही है.  मैनपुरी और खतौली सीट पर 17 नवंबर तक नामांकन होगा. जबकि रामपुर सीट पर 18 नवंबर तक नामांकन होगा. इन सीटों पर पांच दिसंबर को वोटिंग होगी और आठ दिसंबर को वोटों की गिनती होगी.

ओम प्रकाश राजभर का बयान

उत्तर प्रदेश में मैनपुरी उपचुनाव  को लेकर सियासी बयानबाजी तेज होती जा रही है. अब शिवपाल सिंह यादव की चुप्पी पर सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि शिवपाल यादव की चुप्पी बड़ा संदेश है. बीजेपी ने जिसे प्रत्याशी बनाया है, वह प्रसपा का ही नेता है तो सब जान रहे हैं. शिवपाल अपनी पार्टी के मालिक हैं, चाहे बीजेपी को सपोर्ट करें चाहे सपा को सपोर्ट करें. सुभासपा प्रमुख ने कहा कि हमसे पूछ कर तो करेंगे नहीं, हमारी टक्कर किसी से नहीं है. हम छमाही परीक्षा देने के लिए वहां उम्मीदवार उतारे हैं. हम झूठ नहीं बोलेंगे कि हम जीत रहे हैं. सपा के पास यादव छोड़कर कोई दूसरा कैंडिडेट नहीं मिलेगा. किसी शाक्य को, किसी कश्यप को या किसी बंजारा को चुनाव नहीं लड़ा सकते. यह केवल वोट देने के लिए हैं. वहां मैनपुरी में एक भी वोट सपा को इन सब जातियों का नहीं मिलेगा.

अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी का बयान

अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि समाजवादी पार्टी ने यह दिखा दिया है कि वह समाजवादी पार्टी नहीं परिवारवादी पार्टी है। उन्होंने फिर से लोकसभा चुनाव में अपने परिवार के व्यक्ति को उतारा है पर वहां भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत के साथ जिस तरह से आजमगढ़ और रामपुर के उपचुनाव में जो रिजल्ट रहा है वहीं नतीजा मैनपुरी में भी रहेगा। वहीं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री ने अभी तक अपना प्रत्याशी ना उतारने पर कहा कि हम सब मिलकर तय करेंगे मैनपुरी को तरक्की की तरफ ले जाने की नियत से और वहां जीत हासिल करके मैनपुरी को भी तरक्की की तरफ पढ़ाने का काम करेंगे। वही मंत्री ने उत्तर प्रदेश में चल रहे मदरसों के सर्वे पर कहा कि सर्वे का सब ने सहयोग किया है इस सर्वे के माध्यम से योगी सरकार मदरसा शिक्षा और बेहतर बनाने का काम करेगी।

नरेश टिकैत से सिसौली मिलने पहुंचे मदन भैया

दरअसल, खतौली विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए राष्ट्रीय लोक दल के द्वारा अपने प्रत्याशी मदन भैया के नाम की घोषणा की गई थी. जिसके चलते मदन भैया घोषणा के तुरंत बाद किसानों की राजधानी सिसौली गांव में पहुंचे, जहां उन्होंने बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत से बातचीत की. घोषणा के बाद अचानक मदन भैया के सिसौली पहुंचकर बातचीत करने की ये खबर इस समय जिले के राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बनी हुई है.

AIMIM नेता का बायान

एआईएमआईएम नेता ने बोला कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की वजह से ज्यादातर यादव बीजेपी के साथ चले गए हैं. अखिलेश यादव के पास अब गिनती के यादव ही बचे हैं. मुसलमानों का सपा से मोहभंग हो चुका है और वह असदुद्दीन ओवैसी को ही अपना नेता मान रहे हैं. मैनपुरी में समेत तीनों सीटों पर हो रहे उपचुनाव में एमआईएमआईएम नहीं लड़ रही है. इसलिए यहां के मुस्लिम वोटर खामोश बैठे रहेंगे. डिंपल यादव को लोकसभा चुनाव में तीसरी हार का सामना करना पड़ेगा. एआईएमआईएम को सपा की इस हार का एहसास था. पार्टी इसी वजह से तीनों सीटों पर हो रहे उपचुनाव में हिस्सा नहीं ले रही है. बीजेपी के जीतने के बाद अखिलेश यादव अपनी हार का ठीकरा असदुद्दीन ओवैसी के सिर फोड़ते, इसीलिए पार्टी ने इस बार अखिलेश यादव को खुला मैदान दे दिया है. इसके बावजूद डिंपल यादव मैनपुरी से चुनाव नहीं जीत पाएंगी.

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